पटना : देश में कोरोना के मामलों में लगातार वृद्धि देखी जा रही है। केरल, महाराष्ट्र, दिल्ली समेत देश के करीब 20 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में कोरोना के सक्रिय मरीज मिले हैं। इसी बीच बिहार की राजधानी पटना से भी 2 कोरोना के मरीज सामने आए हैं। कोरोना के मरीज मिलने पर स्वास्थ्य विभाग के कान खड़े हो गए हैं।
सर्दी जुखाम की शिकीयत ले कर आए थे मर्जी
दरअसल दोनों मरीज कुछ दिन पहले सर्दी, जुकाम और सांस लेने की शियकत ले कर पारस अस्पताल आए थे। जिनमें से एक ने पटना के कंकड़बाग स्थित एक निजी लैब में कोरोना की जांच कराई थी,जहां उसकी रिपोर्ट पाज़िटिव आई थी। पारस अस्पताल में कोरोना की जांच कराने पर दोनों की रिपोर्ट पाज़िटिव आई। एक मरीज का इलाज ओपीडी स्तर पर हुआ वहीं दूसरे मरीज की हालत गंभीर थी तो उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया था। फिलहाल दोनों मरीज खतरे से बाहर हैं और उन्हें अस्पताल से डिस्चार्ज कर दिया गया है।
एक साल बाद मिला पटना में कोरोना केस
पटना में 14 महीनों में कोरोना का यह पहला मामला है। फिलहाल पटना के किसी भी सरकारी अस्पताल में कोरोना की निशुल्क जांच की सुविधा उपलब्ध नहीं है। यह सुविधा करीब एक साल से बंद है। वहीं निजी अस्पताल में कोरोना की जांच के लिए लगभग 1000-1500 रुपये खर्च होते हैं इसलिए लोग कोविड टेस्ट कराने से बचते हैं। ऐसे में पटना में कोरोना के केस मिलने पर जरूरत है कि स्वास्थ्य विभाग अस्पतालों में कोरोना से निपटने की तैयारियों का जायजा ले और सुनिश्चित करे की स्थिति खराब होने पर लोगों को समस्या का सामना नहीं करना पड़े।
रिपोर्ट : पीयूष रंजन के साथ रविश कुमार