नई दिल्ली: साइप्रस के दौरे पर पहुंचे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को साइप्रस के सबसे सर्वोच्च नागरिक सम्मान ‘क्रॉस ऑफ द ऑर्डर ऑफ मकरियोस III’ से नवाजा गया है। यह सम्मान सिर्फ भारत के प्रधानमंत्री का हीं नहीं है बल्कि ‘भारत की अथक वैश्विक प्रगति’ का प्रतीक और 140 करोड़ भारतीयों का सम्मान है। इन सम्मान से भारत की ‘अनोखी’ वैश्विक पहचान बन रही है और इसमें PM मोदी का योगदान सबसे अधिक है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अब तक 21 देश सम्मानित कर चुके हैं। यह सूची वर्ष 2016 से 2025 तक के विभिन्न देशों द्वारा दिए गए सर्वोच्च नागरिक और राजकीय सम्मानों का एक प्रभावशाली संकलन प्रस्तुत करती है, जो भारत की बढ़ती वैश्विक उपस्थिति और प्रधानमंत्री मोदी के अंतरराष्ट्रीय संबंधों में महत्वपूर्ण भूमिका को दर्शाती है।
एक दशक का गौरवशाली सफर
यह सूची प्रधानमंत्री मोदी के कार्यकाल में भारत के वैश्विक संबंधों में आए गुणात्मक सुधार को स्पष्ट करती है। 2016 में अफगानिस्तान के ‘स्टेट ऑर्डर ऑफ गाज़ी अमीर अमानुल्लाह खान’ और सऊदी अरब के ‘किंग अब्दुलअजीज़ का ऑर्डर’ से शुरुआत करते हुए, यह यात्रा 2025 में साइप्रस के ‘क्रॉस ऑफ द ऑर्डर ऑफ मकरियोस III’ और श्रीलंका के ‘द मित्र विबुषाणा’ तक पहुंचती है।
यह इन सम्मानों को केवल व्यक्तिगत उपलब्धि के रूप में नहीं, बल्कि भारत की विदेश नीति और अंतर्राष्ट्रीयमंच पर उसकी बढ़ती साख के प्रमाण के रूप में प्रस्तुत करता है। ये सम्मान दर्शाते हैं कि किस प्रकार भारत, प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में, विभिन्न भौगोलिक और राजनीतिक पृष्ठभूमि वाले देशों के साथ गहरे और सार्थक संबंध स्थापित करने में सफल रहा है।
इन सम्मानों को अक्सर कूटनीतिक संबंधों को मजबूत करने और देशों के बीच सद्भावना को बढ़ावा देने के एक तरीके के रूप में देखा जाता है। यह सूची निश्चित रूप से भारत की बढ़ती सॉफ्ट पावर और वैश्विक मामलों में उसकी सक्रिय भूमिका को रेखांकित करती है। यह इस बात का भी संकेत है कि भारत अब सिर्फ एक क्षेत्रीय शक्ति नहीं, बल्कि एक वैश्विक खिलाड़ी के रूप में उभर रहा है, जिसके विचारों और नीतियों का अंतरराष्ट्रीय स्तर पर महत्व है।
रिपोर्ट: मनीष कुमार