रोहतास/बिक्रमगंज : चुनावी साल में दो दिवसीय दौरे पर बिहार पहुंचे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रोहतास जिले के बिक्रमगंज में जनसभा को संबोधित किया। पीएम मोदी ने लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि आप सब बड़ी संख्या में हमें आशीर्वाद देने आए हैं, बिहार का यह प्यार मैं हमेशा सर आंखों पर रखता हूं। पीएम मोदी ने पहलगाम आतंकी हमले, ऑपरेशन सिंदूर, नक्सलवाद का जिक्र किया साथ ही लालू परिवार पर जमकर निशाना साधा।
मधुबनी में किया वादा पूरा किया, आतंकी ठिकाने को तबाह किया
पीएम मोदी ने कहा कि पहलगाम में जम्मू कश्मीर में के पहलगम में जब आतंकी हमला हुआ था उसके एक दिन बाद मैं बिहार आया था और मैंने बिहार की धरती से देश को वचन दिया था कि आतंक के आकाओं के ठिकाने को मिट्टी में मिला दिया जाएगा। बिहार की धरती पर मैंने कहा था उन्हें कल्पना से भी बड़ा सजा मिलेगी, आज जब मैं बिहार आया हूं तो अपने वचन पूरा करने के बाद आया हूं। जिन लोगों ने पाकिस्तान में बैठकर हमारी बहनों का सिंदूर उजाड़ा था हमारी सेना ने उनके ठिकानों को खंडहर में बदल दिया है। भारत की बेटियों की सिंदूर की शक्ति क्या होती है यह पाकिस्तान और दुनिया ने देखा जिस पाकिस्तानी सेना की छत्रछाया में आतंकी हमेशा आतंकवादी हमला करते थे, हमारी सेना ने उनके एयरबेस तबाह कर एक ही झटके उनको घुटने पर ला दिया।
नक्सलवाद का सफाया किया
पीएम मोदी ने कहा कि कुछ साल पहले तक सासाराम, कैमूर आसपास के जिले में क्या हालात थे?,नक्सलवाद कैसे हावी था। मुंह पर नकाब लगाये हाथों में बंदूक लिए नक्सली कब कहां सड़कों पर निकल आए हर किसी को ये खौफ रहता था। सरकारी योजना आती थी पर नागरिकों तक नहीं पहुंच पाती थी। नक्सल प्रभावित गांवों में ना तो अस्पताल होता था ना मोबाइल टावर, कभी स्कूल जलाए जाते थे तो कभी सड़क बनाने वाले लोगों को मार दिया जाता था। 2014 से पहले देश में सवा सौ से अधिक नक्सल प्रभावित जिले थे, 2014 के बाद से हमने इस दिशा में तेजी से काम किया ,हमने माओवादियों को उनके किए की सजा देना शुरू किया। 11 सालों की प्रतिज्ञा का फल आज देश को मिलना शुरू हो गया और देश में अब सिर्फ 18 नक्सल प्रभावित जिले बचे हैं।
राजद और काँग्रेस पर गरजे पीएम मोदी
पीएम मोदी ने कहा कि जिन लोगों ने बिहार को सबसे ज्यादा ठगा जिनके दौर में बिहार के गरीब और गरीब तबके को बिहार छोड़कर जाना पड़ा वह आज वही लोग सत्ता पाना के सामाजिक न्याय का झूठ बोल रहे हैं। दशकों तक बिहार के दलित पिछड़ों और आदिवासियों के पास शौचालय तक नहीं था। दशकों तक हमारे इन भाई-बहनों के पास बैंक में खाता नहीं था, उन्होंने बैंकों में उनकी एंट्री बंद थी। दलित और पिछड़ा वर्ग के सबसे ज्यादा लोग झुग्गी झोपड़ी में गुजारा करते थे उनके पास पक्का घर तक नहीं था।वे बेघर थे, करोड़ लोगों के घर पर छत नहीं थे मैं पूछता हूं बिहार के लोगों की दुर्दशा, पीड़ा, तकलीफ क्या कांग्रेस और राजद का यही सामाजिक न्याय था? काँग्रेस और आरजेडी वालों ने काभी उनकी तकलीफों की चिंता नहीं की।
रिपोर्ट : मनीष कुमार