पटना: बिहार में बढ़ते साइबर अपराधों और नशीले पदार्थों की तस्करी पर लगाम कसने के लिए बिहार पुलिस मुख्यालय ने बड़ा कदम उठाया है. सोमवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में एडीजी (मुख्यालय) कुंदन कृष्णन ने घोषणा की कि साइबर क्राइम और नारकोटिक्स से निपटने के लिए दो नई समर्पित इकाइयां – ‘साइबर क्राइम नियंत्रण इकाई’ और ‘नारकोटिक्स कंट्रोल सेल’ – का गठन किया जा रहा है. ये इकाइयां सीधे पुलिस मुख्यालय को रिपोर्ट करेंगी और विशेषज्ञता के साथ इन गंभीर चुनौतियों का सामना करेंगी.
एडीजी कुंदन कृष्णन ने बताया कि वर्तमान में साइबर क्राइम, ड्रग्स और शराब से जुड़े मामलों की जांच विभिन्न स्तरों पर बंटी हुई है. साइबर क्राइम और ड्रग्स के गंभीर मामले आर्थिक अपराध इकाई (ईओयू) द्वारा देखे जाते हैं, जबकि शराब निषेध कानून से संबंधित मामले सीआईडी के दायरे में आते हैं. आपराधिक मामलों में उल्लेखनीय वृद्धि को देखते हुए, विशेष टीमों की आवश्यकता महसूस की गई.
उन्होंने कहा कि बिहार में साइबर ठगी, ऑनलाइन जालसाजी, बैंकिंग धोखाधड़ी, डेटा चोरी, मोबाइल ऐप के माध्यम से धोखाधड़ी और सोशल मीडिया अपराधों में तेजी से वृद्धि हुई है. इसके अलावा, नशीली दवाओं की अवैध तस्करी, युवाओं में नशे की लत और राज्य की सीमाओं के आसपास ड्रग्स नेटवर्क का तेजी से फैलना एक गंभीर चिंता का विषय बन गया है. इन चुनौतियों से प्रभावी ढंग से निपटने के लिए विशेषज्ञ टीमों की आवश्यकता थी.
दो नई इकाइयां:
1.साइबर क्राइम नियंत्रण इकाई: यह इकाई पूरे राज्य में हो रहे डिजिटल अपराधों की निगरानी करेगी. यह अत्याधुनिक साइबर फोरेंसिक उपकरणों से लैस होगी और जिलों के साइबर थानों को तकनीकी सहायता प्रदान करेगी.
2.नारकोटिक्स कंट्रोल सेल: यह इकाई नशीले पदार्थों की तस्करी और सेवन के खिलाफ काम करेगी. इसका समन्वय नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) से भी किया जाएगा, ताकि राष्ट्रीय स्तर पर भी सहयोग सुनिश्चित हो सके.
एडीजी कुंदन कृष्णन ने यह भी बताया कि इन दोनों इकाइयों के लिए विशेष पद सृजित किए जाएंगे और प्रशिक्षण प्रक्रिया भी जल्द शुरू की जाएगी. राज्य पुलिस सेवा के अनुभवी अधिकारी और तकनीकी विशेषज्ञ इन इकाइयों में तैनात किए जाएंगे. एडीजी और आईजी स्तर के अधिकारी इन इकाइयों का नेतृत्व करेंगे, जिससे प्रभावी समन्वय और नियंत्रण सुनिश्चित हो सके. ये दोनों इकाइयां सीधे पुलिस मुख्यालय को रिपोर्ट करेंगी, जिससे त्वरित निर्णय लेने और कार्रवाई करने में आसानी होगी.
यह नई व्यवस्था बिहार में संगठित अपराधों, विशेष रूप से साइबर अपराधों और नशीले पदार्थों की तस्करी के खिलाफ पुलिस की लड़ाई को मजबूत करेगी. विशेषज्ञ टीमों और समर्पित इकाइयों के गठन से इन चुनौतियों से निपटने में अधिक प्रभावी और कुशल दृष्टिकोण अपनाने की उम्मीद है, जिससे राज्य में कानून और व्यवस्था की स्थिति में सुधार होगा.
रिपोर्ट: गौरव कुमार