पटना: ट्रैफिक पुलिस की अवैध वसूली पर बड़ी कार्रवाई करते हुए, पटना प्रशासन ने 69 पुलिसकर्मियों को ट्रैफिक चेकपोस्ट से हटा दिया है और 4 को निलंबित कर दिया गया है। यह फैसला एक वायरल वीडियो के बाद लिया गया, जिसमें पुलिसकर्मी खुलेआम रिश्वत लेते दिख रहे थे।
क्या था पूरा मामला?
हाल ही में, पटना बाईपास के धनुकी मोड़ पर तैनात ट्रैफिक पुलिसकर्मियों का एक वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हुआ। इस वीडियो में साफ दिख रहा था कि पुलिस की वर्दी में ही ट्रक चालकों से नगद पैसे की वसूली की जा रही है। वीडियो के वायरल होते ही प्रशासन हरकत में आया।
ट्रैफिक एसपी ने की त्वरित कार्रवाई
पटना की ट्रैफिक एसपी अपराजित लोहान ने इस गंभीर मामले का संज्ञान लिया। शुरुआती जांच में यह बात सामने आई कि इस अवैध वसूली में धनुकी मोड़ पर तैनात एएसआई राम निवास ठाकुर और कांस्टेबल अविनाश कुमार, गणेश कुमार और लालेश कुमार शामिल थे। चौंकाने वाली बात यह भी पता चली कि इन पुलिसकर्मियों ने वसूली के लिए दो निजी व्यक्तियों (नवीन कुमार और दीपक कुमार) को भी रखा हुआ था, जो पुलिसकर्मी बनकर वसूली करते थे।
निलंबन और एफआईआर
ट्रैफिक एसपी ने तत्काल प्रभाव से चारों दोषी पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया। उनके खिलाफ भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम के तहत अगमकुआं थाने में एफआईआर (FIR) भी दर्ज कराई गई है। यह कदम भ्रष्टाचार के प्रति प्रशासन की जीरो टॉलरेंस नीति को दर्शाता है।
बड़े पैमाने पर तबादले और नए दिशा-निर्देश
केवल दोषियों पर कार्रवाई ही नहीं, बल्कि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए प्रशासन ने बड़े पैमाने पर बदलाव किए हैं। पटना के 15 अलग-अलग ट्रैफिक चेकपोस्टों से कुल 69 पुलिसकर्मियों को हटा दिया गया है। यह कार्रवाई उन पुलिसकर्मियों को स्थानांतरित करने के लिए की गई है जो लंबे समय से एक ही स्थान पर तैनात थे, जिससे भ्रष्टाचार की संभावना बढ़ जाती है।
इसके साथ ही, ट्रैफिक एसपी ने सभी ट्रैफिक पुलिसकर्मियों के लिए नए और कड़े दिशा-निर्देश जारी किए हैं। अब से, चालान जारी करते समय बॉडी-वॉर्न कैमरों का उपयोग अनिवार्य होगा। यह भी चेतावनी दी गई है कि यदि किसी अधिकारी का कैमरा बंद पाया जाता है, तो उस पर सख्त अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी।
इस कार्रवाई से उम्मीद है कि पटना में ट्रैफिक पुलिस व्यवस्था में पारदर्शिता बढ़ेगी और अवैध वसूली पर पूरी तरह से लगाम लगेगी।
रिपोर्ट: गौरव कुमार