पटना में ‘पिंक क्रांति’: महिलाओं के लिए सुरक्षित सफर की शुरुआत

पटना : राजधानी पटना की सड़कों पर शुक्रवार को एक नई शुरुआत हुई। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने महिलाओं के लिए विशेष रूप से डिज़ाइन की गई 20 ‘पिंक बसों’ को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। यह सेवा शहर में महिलाओं की सुरक्षा और सुविधा को ध्यान में रखते हुए शुरू की गई है, जिससे वे बिना किसी डर के सार्वजनिक परिवहन का उपयोग कर सकें।

बिहार राज्य सड़क परिवहन निगम (बीएसआरटीसी) द्वारा संचालित ये गुलाबी बसें, महिलाओं के लिए एक सुरक्षित और आरामदायक यात्रा का वादा करती हैं। सीएनजी से चलने वाली इन बसों में सीसीटीवी कैमरे, जीपीएस ट्रैकिंग सिस्टम और पैनिक बटन जैसी आधुनिक सुरक्षा सुविधाएँ उपलब्ध हैं। किसी भी आपात स्थिति में, महिला यात्री पैनिक बटन का उपयोग कर सकती हैं, जिससे त्वरित सहायता उपलब्ध हो सके।

इन बसों में 22 सीटें हैं, और प्रत्येक सीट के पास मोबाइल चार्जिंग पोर्ट उपलब्ध है, जो यात्रा को और भी सुविधाजनक बनाता है। किराए की बात करें तो, यह आम बसों के समान ही है, जिसमें न्यूनतम किराया ₹6 और अधिकतम किराया ₹25 है। महिला छात्रों के लिए ₹400 का मासिक पास और कामकाजी महिलाओं के लिए ₹550 का मासिक पास भी उपलब्ध है, जो नियमित यात्रियों के लिए किफायती विकल्प प्रदान करता है।

हालांकि, शुरुआत में इन बसों को पुरुष ड्राइवर चलाएंगे, लेकिन सभी कंडक्टर महिलाएँ होंगी। भविष्य में महिला ड्राइवरों को भी प्रशिक्षित करने की योजना है। यात्रियों की सुविधा के लिए, बसों की रीयल-टाइम लोकेशन को “चलो” मोबाइल एप्लिकेशन के माध्यम से ट्रैक किया जा सकता है।

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इस अवसर पर कहा कि यह सेवा महिलाओं को सुरक्षित और सम्मानजनक परिवहन विकल्प प्रदान करने की सरकार की प्रतिबद्धता का हिस्सा है। उन्होंने यह भी कहा कि इस सेवा का विस्तार किया जाएगा और भविष्य में 80 और गुलाबी बसें शामिल की जाएंगी, साथ ही इसे अन्य जिलों तक भी ले जाने की योजना है। ‘पिंक बस सेवा’ निश्चित रूप से पटना में महिलाओं के लिए एक सकारात्मक बदलाव लाएगी और उन्हें स्वतंत्रता और सुरक्षा के साथ शहर में घूमने में मदद करेगी।

रिपोर्ट : गौरव कुमार 

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