पटना: राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी (RLJSP) के राष्ट्रीय अध्यक्ष और पूर्व केंद्रीय मंत्री पशुपति कुमार पारस ने बिहार की नीतीश कुमार सरकार पर तीखा हमला बोला है। उन्होंने राज्य में “जंगलराज” होने का आरोप लगाते हुए कहा कि नीतीश कुमार महिला विरोधी, दलित विरोधी और पासवान विरोधी हैं। पारस ने भ्रष्टाचार, बढ़ते अपराध और महिलाओं पर अत्याचार का आरोप लगाते हुए बिहार में तत्काल सत्ता परिवर्तन की मांग की।
पशुपति कुमार पारस ने शुक्रवार को एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि बिहार में सुशासन नहीं बल्कि “जंगलराज” है। उन्होंने दावा किया कि नीतीश कुमार बिहार में महिलाओं के सबसे बड़े विरोधी हैं, और उनके शासनकाल में महिलाओं, खासकर दलित महिलाओं पर अत्याचार बढ़ा है, जिसे रोकने में सरकार पूरी तरह असमर्थ है। पारस ने भ्रष्टाचार के चरम पर होने और अपराधियों के बेलगाम होने का भी आरोप लगाया, यहां तक कि “वीआईपी इलाकों” में भी फायरिंग की घटनाएं हो रही हैं।
नीतीश कुमार की मानसिक स्थिति पर सवाल उठाते हुए पारस ने कहा, “नीतीश कुमार की मानसिक स्थिति ठीक नहीं है, उनका इलाज चल रहा है। जिस मुख्यमंत्री का इलाज चल रहा हो, वह राज्य को कैसे संभालेंगे?” उन्होंने केंद्र सरकार की रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि बिहार की स्थिति बेहद खराब है और राज्य में सत्ता परिवर्तन बेहद जरूरी है। उन्होंने नालंदा, जो मुख्यमंत्री का गृह जिला है, में भी लगातार हो रही आपराधिक घटनाओं और अखबारों में बलात्कार और अपराध की खबरों का जिक्र किया।
घूसखोरी पर बोलते हुए पारस ने कहा कि बिहार में बिना पैसे दिए कोई काम नहीं होता। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि पिछले बीस वर्षों से एक ही व्यक्ति और पार्टी की सरकार होने के कारण बिहार की स्थिति बहुत खराब हो गई है, और अगले चार महीने में बदलाव होने वाला है। उन्होंने बताया कि उनकी पार्टी पिछले छह महीने से पूरे बिहार का दौरा कर रही थी और जनता अब बदलाव चाहती है।
चौकीदार और दफादार के आंदोलन पर बोलते हुए पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि मुगलों के जमाने से एक ही जाति के लोग चौकीदार बनते थे और देश की सेवा करते थे। उन्होंने पासवान समाज को देश का रक्षक बताते हुए कहा कि जगन्नाथ मिश्रा ने चौकीदारों को चतुर्थ श्रेणी का दर्जा दिया था। उन्होंने आरोप लगाया कि बिहार सरकार और नीतीश कुमार पासवान विरोधी हैं और संविधान के विरुद्ध जाकर “दलित महादलित” बनाकर समाज को तोड़ने का काम किया है, जिससे महादलितों को कोई सुविधा नहीं मिल रही है।
गठबंधन की स्थिति पर पारस ने कहा कि पूरे देश में दो गठबंधन हैं – इंडिया और एनडीए। उन्होंने बताया कि वह पहले ग्यारह साल तक एनडीए में मजबूती से रहे हैं और भाजपा विश्व की सबसे बड़ी पार्टी है। उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी अपने संगठन को मजबूत कर रही है और उम्मीदवारों को लेकर आंतरिक सर्वे कर रही है। उन्होंने स्पष्ट किया कि वे उसी के साथ जाएंगे जो उनके हित की बात करेगा, लेकिन उन्होंने यह भी कहा कि वे एनडीए छोड़कर किसी और दल में नहीं जाएंगे। हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि वे अभी किसी गठबंधन में नहीं हैं और सही समय आने पर अपनी स्थिति स्पष्ट करेंगे।
बाबा भीमराव अंबेडकर के मामले पर लालू यादव पर निशाना साधते हुए पारस ने इसे चुनावी स्टंट बताया। उन्होंने कहा कि लालू यादव बीमार हैं, उनके पैर फूल जाते हैं, और उन्होंने बाबा साहब की तस्वीर को देखा भी नहीं होगा। पारस ने लालू यादव के सामाजिक न्याय और गरीबों व वंचितों की बात करने के दावे पर सवाल उठाते हुए कहा कि लालू यादव ने बाबा साहब का अपमान किया है और यह सिर्फ एक राजनीतिक स्टंट है।
पशुपति कुमार पारस के इन बयानों से बिहार की राजनीतिक सरगर्मी और तेज हो गई है। आगामी चुनावों से पहले, सत्ताधारी जदयू-राजद गठबंधन और विपक्षी भाजपा-राजद के बीच जुबानी जंग और तेज होने की संभावना है। बिहार में महिलाओं की सुरक्षा, भ्रष्टाचार और कानून-व्यवस्था को लेकर उठाए गए ये मुद्दे आगामी चुनावों में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं।
रिपोर्ट: पृथ्वीराज