चुनाव से पहले सीएम नीतीश कुमार ने किया राजकीय उर्दू लाइब्रेरी के नए भवन का उद्घाटन, 40,000 से अधिक पुस्तकों का संग्रह

चुनाव से पहले सीएम नीतीश कुमार ने किया राजकीय उर्दू लाइब्रेरी के नए भवन का उद्घाटन, 40,000 से अधिक पुस्तकों का संग्रह

पटना: आगामी बिहार विधानसभा चुनाव 2025 से पहले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने राज्य में विकास कार्यों को गति दे दी है। इसी कड़ी में, बुधवार, 11 जून 2025 को राजधानी पटना के अशोक राजपथ स्थित राजकीय उर्दू पुस्तकालय के नवनिर्मित भवन का उद्घाटन किया। इस आधुनिक चार मंजिला भवन में 40,000 से अधिक पुस्तकों का विशाल संग्रह है, जिसमें महात्मा गांधी की किताबों का भी दुर्लभ संग्रह शामिल है। यह पुस्तकालय अब उर्दू भाषा प्रेमियों, शोधकर्ताओं और छात्रों के लिए अध्ययन और शोध का एक प्रमुख केंद्र बन गया है।

उद्घाटन और ऐतिहासिक परिप्रेक्ष्य

राजकीय उर्दू पुस्तकालय की स्थापना वर्ष 1938 में की गई थी, और तब से यह बिहार में उर्दू साहित्य और संस्कृति के संवर्धन में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा नए भवन का उद्घाटन यह दर्शाता है कि सरकार राज्य में शिक्षा और सांस्कृतिक विकास के प्रति प्रतिबद्ध है। उद्घाटन समारोह में कई गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे, जिन्होंने इस पहल की सराहना की।

विशाल पुस्तक संग्रह और भाषाओं की विविधता

चुनाव से पहले सीएम नीतीश कुमार ने किया राजकीय उर्दू लाइब्रेरी के नए भवन का उद्घाटन, 40,000 से अधिक पुस्तकों का संग्रह

पुस्तकालय में लगभग 40,000 पुस्तकें उपलब्ध हैं, जो केवल उर्दू में ही नहीं, बल्कि हिंदी, अंग्रेजी, संस्कृत, फारसी और अरबी भाषाओं में भी हैं। उर्दू में शायरी, अदब, नावेल, मेडिकल साइंस, इतिहास, अर्थशास्त्र, भूगोल, गणित, तर्कशास्त्र, कानून जैसे विभिन्न विषयों पर किताबें और पत्रिकाएं संग्रहित हैं। इसके अतिरिक्त, डीएलएड, स्नातक, स्नातकोत्तर, और विभिन्न सामान्य प्रतियोगिता परीक्षाओं से संबंधित पुस्तकें भी उपलब्ध हैं, जिनमें एनसीईआरटी की कक्षा 3 से 12 तक की पुस्तकें, पुस्तकालय विज्ञान और पत्रकारिता से संबंधित साहित्य भी शामिल है। पुस्तकालय में हर महीने हिंदी, अंग्रेजी और उर्दू की पत्रिकाएं आती हैं, और नियमित रूप से दैनिक समाचार पत्र भी उपलब्ध रहते हैं।

महात्मा गांधी का दुर्लभ संग्रह

इस पुस्तकालय की एक और महत्वपूर्ण विशेषता ‘The Collected Works of MAHATMA GANDHI’ की 84 पुस्तकों और अन्य दुर्लभ पुस्तकों का संग्रह है। यह संग्रह शोधकर्ताओं और गांधीवादी दर्शन के अनुयायियों के लिए अमूल्य है, और यह पुस्तकालय को एक अनूठा स्थान प्रदान करता है। देश के विभिन्न हिस्सों से शोधकर्ता और छात्र इस विशिष्ट संग्रह तक पहुंचने के लिए पुस्तकालय आते हैं।

आधुनिक सुविधाएँ और भविष्य की योजनाएँ

चुनाव से पहले सीएम नीतीश कुमार ने किया राजकीय उर्दू लाइब्रेरी के नए भवन का उद्घाटन, 40,000 से अधिक पुस्तकों का संग्रह

पुस्तकालय में पुस्तकों की बढ़ती संख्या और अध्ययन करने वाले छात्रों/शोधकर्ताओं की बढ़ती संख्या को देखते हुए, शिक्षा विभाग ने राज्य स्कीम के तहत इस पुस्तकालय के भवन निर्माण के लिए ₹3 करोड़ 7 लाख 31 हजार की प्रशासनिक स्वीकृति प्रदान की थी। बिहार राज्य शैक्षणिक आधारभूत संरचना विकास निगम लिमिटेड पटना के माध्यम से शिक्षा विभाग द्वारा अब एक आधुनिक G+4 भवन तैयार किया गया है। नए भवन में पुस्तकों के उचित रखरखाव और छात्रों के लिए बेहतर अध्ययन वातावरण सुनिश्चित करने के लिए सभी आवश्यक फर्नीचर और उपकरण उपलब्ध कराए गए हैं। यह नया भवन पुस्तकालय के कामकाज को सुगम बनाएगा और अधिक से अधिक लोगों को आकर्षित करेगा।

रिपोर्ट: गौरव कुमार 

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