पटना : सोमवार को पटना में हुए एक नियुक्ति पत्र वितरण समारोह में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कुछ ऐसा कर दिया कि हर कोई ‘वाह-वाह’ करने की बजाय ‘हा-हा’ करने लगा। मामला इतना गंभीर है कि अब सोशल मीडिया पर बहस छिड़ गई है – क्या बिहार में नए राजकीय मुकुट के तौर पर फूलों के गमले को मान्यता मिलने वाली है?
हुआ यूं कि जब मुख्यमंत्री महोदय मंच पर तशरीफ लाए, तो शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव डॉ. एस. सिद्धार्थ ने उनका स्वागत करने के लिए एक नन्हा, प्यारा-सा फूलों का गमला पेश किया। अब तक सब सामान्य था, लेकिन नीतीश जी को शायद कोई तूफानी विचार आया। उन्होंने गमला अपने हाथ में लेने की बजाय, बड़े प्यार से उसे डॉ. सिद्धार्थ के माथे पर ‘धरा’ दिया! सिद्धार्थ जी एक पल के लिए तो ‘भगवान ही जाने अब ये क्या हो रहा है’ वाले मोड में चले गए, फिर मुस्कुराते हुए गमला हटाया।
प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि उस पल लगा, जैसे नीतीश जी ने सिद्धार्थ को ‘बिहार का अगला वास्तु-पुरुष’ या ‘जीवित प्लांट स्टैंड’ घोषित कर दिया हो। कुछ लोगों का तो यह भी मानना है कि मुख्यमंत्री शायद प्रकृति प्रेम का एक नया संदेश देना चाहते थे – कि ‘हर जगह हरियाली होनी चाहिए, भले ही वह किसी के सिर पर ही क्यों न हो।’ राजनीतिक गलियारों में चर्चा है कि यह शायद उनका ‘ईको-फ्रेंडली’ व्यवहार दिखाने का तरीका था, या हो सकता है कि वह सोच रहे हों कि इस गर्मी में अधिकारी भी थोड़े ‘कूल’ रहें!
सोशल मीडिया पर मीम्स की बाढ़ आ गई है। किसी ने गमले को ‘नीतीश जी का नया एयर कंडीशनर’ बताया, तो किसी ने ‘सरकारी हेडगियर’ का नाम दे दिया। अब तो लोग मजाक में कह रहे हैं कि अगली कैबिनेट मीटिंग में हर मंत्री को अपने सिर पर एक पौधा लेकर आना पड़ेगा, वरना कुर्सी खतरे में पड़ सकती है!
अब देखना ये है कि क्या बिहार में अब ‘पगड़ी’ और ‘टोपी’ की जगह ‘गमले’ का चलन शुरू होगा? क्या यह नीतीश कुमार का पर्यावरण बचाने का अनोखा तरीका है, या फिर बस सोमवार की सुबह की थोड़ी ‘दिमागी खुराफात’? जो भी हो, एक बात तो तय है – डॉ. सिद्धार्थ को शायद अब हर सुबह अपने सिर पर एक पौधा उगता हुआ महसूस होगा! जनता बस यही जानना चाहती है, “और कितने क्रिएटिव होंगे हमारे मुख्यमंत्री जी?”
रिपोर्ट : गौरव कुमार