नीतीश कैबिनेट की मीटिंग में 69 प्रस्तावों पर लगी मुहर, गया शहर अब इस नाम से जाना जाएगा

शुक्रवार को बिहार कैबिनेट कि बैठक में राज्य के सर्वांगीण विकास के लिए कई अहम फैसले लिए गए।
1 अने मार्ज स्थित मुख्यमंत्री निवास पर नीतीश कुमार की अध्यक्षता में की गई बैठक में कुल 69 प्रस्ताव पारित की गई। जिसमें स्वच्छता, सिंचाई, स्वास्थ्य,शहरीकरण, सामाजिक कल्याण से जुड़े मुद्दे थे। इस बैठक में गया शहर का नाम बदलने की भी मंजूरी दी गई है।

अब इसस नाम से जाना जाएगा गया शहर

इस शहर का नाम बदलने के पीछे सरकार ने इसका पौराणिक और ऐतिहासिक महत्व बताया।
गया शहर को अब “गया” की जग अब “गया जी” कहा जाएगा।

हिन्दू और बौद्ध धर्म के प्रमुख स्थलों का केंद्र है गया जी

पौराणिक कथाओं के अनुसार गया का नाम गयासूर असुर के नाम पर रखा गया है।
यह शहर हिन्दू धर्म का महत्वपूर्ण तीर्थ स्थल है, यहाँ लोग अपने पूर्वजों का पिंड दान करने आते हैं।
यहाँ पिंडदान और श्राद्ध करने से पूर्वजों की आत्मा को शांति मिलती है।
वहीं बौद्ध धर्म के लिए यह खास इसलिए है कि महात्मा बुद्ध को ज्ञान की प्राप्ति यहीं हुई थी। जिस पीपल के वृक्ष के नीचे बैठ कर उन्हें ज्ञान की प्राप्ति हुई थी वो बोध गया में ही है ।

भाजपा नेता डॉ प्रेम कुमार ने गया का नाम बदलने पर दी बधाई 

बिहार भाजपा के नेता और बिहार सरकार में सहकारिता मंत्री डॉ प्रेम कुमार ने गया शहर का नाम बदलर गया जी करने पर प्रतिक्रिया दी कि गया शहर ऐतिहासिक और पौराणिक महत्व रखता है। ज्ञान और श्रद्धा की भूमि को लोग गया जी पुकारते हैं।बिहार की एनडीए सरकार ने अपनी मंत्रिपरिषद में निर्णय लिया कि गया का नाम अब गया जी होगा। इस परिवर्तन का साक्षी और सदस्य मैं खुद था। मुझे गया को गया जी करने का सौभाग्य प्राप्त हुआ।

बख्तियारपुर का नाम बदलने की मांग भी उठती रहती है
पटना से करीब 50 किमी दूर बख्तियारपुर शहर का नाम भी रह-रह कर बदलने कि मांग उठती रहती है। दरअसल बख्तियारपुर का नाम नालंदा विश्वविद्यालय को जलाने वाले आक्रांता बख्तियार खिलजी के नाम पर है इसलिए कई हिंदुवादी संगठन इसका नाम बदलने की मांग करते रहते हैं।

रिपोर्ट : रविश कुमार 

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