पटना: बिहार सरकार के मंत्री मदन सहनी ने महागठबंधन के भविष्य को लेकर एक बड़ा बयान दिया है। उन्होंने दावा किया कि महागठबंधन में न केवल टूट होगी, बल्कि अगर राष्ट्रीय जनता दल (RJD) ने थोड़ी भी ‘मनमानी’ की तो कांग्रेस उनकी गाड़ी को सीधे खाई में गिरा देगी। उन्होंने आगामी विधानसभा चुनावों में एनडीए की जीत का भी दावा किया।
मंत्री मदन सहनी ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि महागठबंधन पहली बार सत्ता पाने का प्रयास नहीं कर रहा है। उन्होंने याद दिलाया कि लोकसभा और विधानसभा चुनावों में भी उन्होंने ऐसे ही प्रयास किए थे, लेकिन परिणाम अनुकूल नहीं रहे। सहनी ने 2010 के चुनावी नतीजों का हवाला देते हुए कहा कि आगामी चुनावों में भी वही परिणाम दोहराए जाएंगे और एनडीए महागठबंधन को सत्ता से उखाड़ फेंकेगा।
सहनी ने जोर देकर कहा कि महागठबंधन के भीतर केवल मुख्यमंत्री पद को लेकर ही लड़ाई नहीं है, बल्कि ‘अनेकों लड़ाइयां’ हैं. उन्होंने कहा कि सबसे पहले उन्हें सीटों के बंटवारे पर सहमत होना होगा, और यह तय करते ही कई नेता महागठबंधन छोड़कर भाग जाएंगे. उन्होंने भविष्यवाणी की कि आने वाले समय में महागठबंधन का टूटना तय है।
कांग्रेस सांसद के उस बयान का जिक्र करते हुए जिसमें उन्होंने कहा था कि कांग्रेस बिहार में ‘ड्राइविंग सीट’ पर रहेगी, मदन सहनी ने तंज कसते हुए कहा कि इसका सीधा मतलब है कि अगर RJD ने थोड़ी भी ‘इधर-उधर’ करने की कोशिश की तो कांग्रेस उनकी गाड़ी को सीधे खाई में गिरा देगी।
मुकेश सहनी को लेकर पूछे गए सवाल पर मदन सहनी ने कहा कि हर कोई मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री बनना चाहता है। उन्होंने सवाल उठाया कि क्या तेजस्वी यादव ने कभी यह कहा है कि अगर उनकी सरकार बनती है तो मुकेश सहनी को उपमुख्यमंत्री बनाएंगे, या उन्हें 60 सीटें देंगे, जैसा कि वे मांग रहे हैं? उन्होंने चुटकी लेते हुए कहा कि तेजस्वी यादव मुकेश सहनी को अपने बगल में बैठने भी नहीं देते हैं।
अहमदाबाद प्लेन क्रैश की घटना पर प्रतिक्रिया देते हुए मंत्री मदन सहनी ने इसे ‘बहुत दुखद घटना’ बताया और आश्चर्य व्यक्त किया कि ‘कैसे भगवान ने एक आदमी को उसमें बचा लिया.’ उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी अहमदाबाद गए हैं और पीड़ितों से मुलाकात की है।
यह बयान बिहार की राजनीतिक गलियारों में एक नई बहस छेड़ सकता है, खासकर महागठबंधन के भीतर चल रहे समीकरणों को देखते हुए। मंत्री मदन सहनी के इस बयान को आगामी विधानसभा चुनावों से पहले एक महत्वपूर्ण राजनीतिक वार के रूप में देखा जा रहा है।
रिपोर्ट: पृथ्वीराज