बिहार चुनाव: लालू-तेजस्वी के “चारा चोर” पोस्टर से सियासी पारा गरम

बिहार चुनाव: लालू-तेजस्वी के "चारा चोर" पोस्टर से सियासी पारा गरम

पटना: बिहार विधानसभा चुनाव जैसे-जैसे करीब आ रहे हैं, राज्य की सियासत में गर्माहट बढ़ती जा रही है। राजनीतिक दलों के बीच पोस्टर वार भी तेज हो गया है। इसी कड़ी में शनिवार सुबह पटना के व्यस्तम क्षेत्र इनकम टैक्स चौराहे के पास एक बेहद विवादित पोस्टर ने सबका ध्यान अपनी ओर खींच लिया। इस पोस्टर में राष्ट्रीय जनता दल (राजद) प्रमुख लालू प्रसाद यादव और उनके बेटे सह विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव को भैंस पर बैठे हुए दिखाया गया है। और लिखा हुआ है कि
“मेरा बाप चारा चोर, मुझे वोट दो”।

पोस्टर पर लिखी है विवादित इबारत

विवादास्पद पोस्टर में तेजस्वी यादव भैंस की गर्दन के पास बैठे दिख रहे हैं, जबकि उनके पिता लालू यादव पीछे बैठे हैं, और उनके मुंह में घास नजर आ रही है। सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि इस पोस्टर में लिखा गया है- “मेरा बाप चारा चोर, मुझे वोट दो” यह वाक्य स्पष्ट रूप से राजद परिवार पर सीधा हमला करते हुए व्यंग्यात्मक रूप से तैयार किया गया है। हालांकि, यह पोस्टर किसने लगाया, इसकी जानकारी अभी तक स्पष्ट नहीं हो सकी है, लेकिन इसे लेकर राजनीतिक गलियारों में हलचल मच गई है और राजद समर्थकों में भारी नाराजगी देखी जा रही है।

उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी का तीखा बयान

इस विवादास्पद पोस्टर पर जब अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम के बाद पत्रकारों ने बिहार के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी से प्रतिक्रिया मांगी तो उन्होंने सीधा बयान देते हुए कहा, “लालू यादव को सुप्रीम कोर्ट ने प्रतिबंधित अपराधी घोषित किया है. चारा घोटाला उन्हीं (लालू यादव) ने किया है। तो इसमें दो मत कहां है? सभी न्यायालय ने स्पष्ट रूप से कहा है कि लालू यादव चारा चोर हैं” सम्राट चौधरी के इस बयान ने विवाद को और हवा दे दी है। हालांकि, राजद की ओर से अभी तक इस मामले पर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है।

पोस्टर वार का है लंबा इतिहास

बिहार की सियासत में इस तरह के पोस्टर वार कोई नई बात नहीं है, लेकिन व्यक्तिगत टिप्पणियों और परिवार को निशाना बनाना चुनावी माहौल को और तनावपूर्ण बना रहा है। बीते दिनों बिहार में विभिन्न आयोगों के गठन में एनडीए से संबंधित राजनीतिक दलों के प्रमुख नेताओं के दामाद की जिस प्रकार एंट्री हुई है, उस पर राजद ने भी कई पोस्टर शहर की चौक-चौराहों पर लगाए थे। उन पोस्टरों में एनडीए नेताओं पर व्यक्तिगत हमले हुए थे और राजद की ओर से “दामाद आयोग” बनाने की टिप्पणी भी की गई थी. आने वाले दिनों में इस तरह की राजनीतिक बयानबाजियों के और तेज होने की संभावना जताई जा रही है, जो बिहार के चुनावी समर को और गरमाएगा। यह देखना दिलचस्प होगा कि राजद इस नए हमले पर किस तरह की प्रतिक्रिया देती है और क्या यह पोस्टर वार आगामी चुनावों में एक बड़ा मुद्दा बन पाएगा।

रिपोर्ट: गौरव कुमार 

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