लालू के ‘तानाशाही रवैये’ पर सम्राट चौधरी का वार: कहा- ‘दलित-पिछड़ों का अपमान लालू के जीवन का हिस्सा’

पटना: बिहार के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने राष्ट्रीय जनता दल (राजद) सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के जन्मदिन समारोह के दौरान संविधान निर्माता बाबा साहब भीमराव अंबेडकर के कथित अपमान को लेकर उन्हें आड़े हाथों लिया है। चौधरी ने इस घटना को लोकतंत्र के लिए शर्मसार करने वाला बताया और लालू यादव से सार्वजनिक तौर पर माफी मांगने की पुरजोर मांग की है। उन्होंने लालू यादव के डीएनए में अपमान करने की प्रवृत्ति होने का आरोप लगाते हुए कहा कि वे स्वयं को लोकतंत्र का राजा समझते हैं और दलितों व अतिपिछड़ों को लगातार अपमानित करते आए हैं।

वीडियो जारी कर सम्राट चौधरी का दावा: “लालू के जीवन में किसी के लिए सम्मान नहीं”

सम्राट चौधरी ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में आरोप लगाया कि लालू यादव के जन्मदिन के वीडियो में साफ दिख रहा है कि उनके जीवन में किसी के लिए कोई सम्मान नहीं है। उन्होंने इस दौरान लालू यादव के जन्मदिन के दिन भीमराव अंबेडकर के अपमान का वीडियो भी जारी किया। चौधरी ने जोर देकर कहा कि लालू यादव बिहार के किसी कार्यकर्ता का भी सम्मान नहीं करते और गुंडई के बल पर सत्ता पाने के लिए बेचैन हैं।

लालू के 'तानाशाही रवैये' पर सम्राट चौधरी का वार: कहा- 'दलित-पिछड़ों का अपमान लालू के जीवन का हिस्सा'

उपमुख्यमंत्री ने इस घटना को लोकतंत्र का “काला अध्याय” करार दिया और कहा कि लालू यादव ने सभी बड़े नेताओं को अपमानित करने का काम किया है। उन्होंने यह भी कहा कि लालू यादव की “तानाशाही” के कारण ही बिहार की जनता ने उन्हें वोट देना बंद कर दिया है। चौधरी ने लालू यादव पर हत्यारों, अपराधियों और बलात्कारियों को समर्थन देने का भी गंभीर आरोप लगाया।

उन्होंने इस बात पर खास जोर दिया कि लालू यादव ने दलितों और अतिपिछड़ों को सबसे ज्यादा अपमानित किया है। उनके अनुसार, यह घटना लालू यादव के उस दृष्टिकोण को दर्शाती है जिसमें वे खुद को सर्वोपरि मानते हैं और दूसरों के सम्मान की तनिक भी परवाह नहीं करते।

बिहार की राजनीति में नया विवाद: क्या लालू देंगे इन आरोपों का जवाब?

सम्राट चौधरी के इन गंभीर आरोपों ने बिहार की राजनीति में एक नया विवाद खड़ा कर दिया है। राजद की ओर से इस पर क्या प्रतिक्रिया आती है, यह देखना अहम होगा। बाबा साहब भीमराव अंबेडकर का सम्मान सभी राजनीतिक दलों के लिए एक संवेदनशील मुद्दा रहा है, और यह प्रकरण आगामी चुनावों में भी एक महत्वपूर्ण मुद्दा बन सकता है। क्या लालू यादव इन आरोपों का खंडन करेंगे या सार्वजनिक माफी मांगेंगे?

रिपोर्ट: पृथ्वीराज 

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