जहानाबाद में महिला काराकर्मी ने की आत्महत्या: एक महीने में तीसरे पुलिसकर्मी की मौत से सनसनी।

 

जहानाबाद: जहानाबाद में सुरक्षा व्यवस्था पर उस वक्त सवाल खड़े हो गए जब मंडल कारा काको में कार्यरत एक महिला सिपाही ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। 27 वर्षीय शिवानी कुमारी की यह दुखद मौत पिछले एक महीने में जिले में तीसरे पुलिसकर्मी की आत्महत्या की घटना है, जिसने पूरे पुलिस महकमे में सनसनी और चिंता का माहौल पैदा कर दिया है।

कटिहार जिले की रहने वाली शिवानी कुमारी पिछले एक साल से काको मंडल कारा में महिला कक्षपाल के पद पर अपनी सेवाएं दे रही थीं। बुधवार दोपहर लगभग 12 बजे ड्यूटी से लौटने के बाद वह जेल परिसर स्थित अपने सरकारी आवास में अकेली थीं। सहयोगियों को घटना की जानकारी तब हुई जब उन्होंने शिवानी को उनके कमरे में पंखे से लटके हुए पाया।आनन-फानन में जेल प्रशासन को सूचित किया गया, जिसके बाद स्थानीय पुलिस मौके पर पहुंची।

काको के थाना प्रभारी ने घटना की पुष्टि करते हुए बताया कि शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है। प्रारंभिक जांच में मृतका के निजी जीवन में चल रही परेशानियों की ओर इशारा किया जा रहा है। सूत्रों के अनुसार, उनकी शादी टूटने वाली थी, जिसके कारण वह तनाव में थीं। कुछ अपुष्ट खबरों में प्रेम प्रसंग से जुड़े मामलों का भी जिक्र है। हालांकि, पुलिस सभी पहलुओं पर गंभीरता से जांच कर रही है और आत्महत्या के वास्तविक कारणों का पता लगाने का प्रयास कर रही है।

इस घटना की गंभीरता इस बात से और बढ़ जाती है कि यह पिछले एक महीने में जहानाबाद में किसी पुलिसकर्मी द्वारा आत्महत्या की तीसरी घटना है। इससे पहले भी दो अन्य पुलिसकर्मियों ने अलग-अलग कारणों से कथित तौर पर आत्महत्या कर ली थी। इन लगातार हो रही घटनाओं ने पुलिस बल के भीतर काम के दबाव, मानसिक स्वास्थ्य और कल्याण जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर सवाल खड़े कर दिए हैं।
घटनास्थल पर फोरेंसिक साइंस लेबोरेटरी (एफएसएल) की टीम ने भी पहुंचकर साक्ष्य जुटाए हैं। पुलिस हर कोण से मामले की छानबीन कर रही है ताकि यह स्पष्ट हो सके कि क्या यह वास्तव में आत्महत्या का मामला है या इसके पीछे कोई और वजह है।

शिवानी कुमारी की असामयिक मृत्यु ने उनके परिवार और सहकर्मियों को गहरा सदमा पहुंचाया है। लगातार हो रही आत्महत्याओं की इन घटनाओं ने पुलिस प्रशासन के सामने एक बड़ी चुनौती खड़ी कर दी है। यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि पुलिस विभाग अपने कर्मियों के मानसिक स्वास्थ्य और कल्याण के लिए क्या कदम उठाता है ताकि भविष्य में ऐसी दुखद घटनाओं को रोका जा सके। फिलहाल, सभी की निगाहें पुलिस जांच पर टिकी हैं, ताकि इस पूरे मामले की सच्चाई सामने आ सके।

रिपोर्ट: रविश कुमार

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