वाराणसी : पहलगाम आतंकी हमले के बाद खुफिया एजेंसियां देश के अलग अलग हिस्सों से पाकिस्तान के लिए जासूसी करने वाले आईएसआई एजेंट्स को गिरफ्तार कर रही है। ताजा मामला यूपी के वाराणसी का है जहां यूपी एटीएस ने जैतपुरा स्थित दोषीपुरा के निवासी मो. तुफैल पुत्र मकसूद आलम को पाकिस्तान के लिए जासूसी करने के आरोप में गिरफ्तार किया है।
पाकिस्तान व्हाट्सएप ग्रुप में जुड़ा था तुफैल
तुफ़ैल पाकिस्तानी द्वारा संचालित एक व्हाट्सएप ग्रुप में जुड़ा था जिसमें 600 से अधिक पाकिस्तानी नंबर थे। इन सोशल मीडिया ग्रुप में तुफैल अक्सर भारत के विभिन्न महत्वपूर्ण स्थानों जैसे- राजघाट, नमोघाट, ज्ञानवापी, रेलवे स्टेशन, जामा मस्जिद, लाल किला इत्यादि की जानकारियां शेयर करता था। एटीएस की जांच में पता चला है कि तुफैल पाकिस्तान के फैसलाबाद में रहने वाली नफीसा के संपर्क में था। नफीसा का पति पाकिस्तानी सेना में है। नफीसा को उसने एक बार नेपाल के रास्ते और एक बार पंजाब के रास्ते उपहार भिजवाया था। जांच एजेंसियां इस बात की जांच कर रही है कि तुफ़ैल द्वारा भेजे गए उस उपहार में क्या था।
तुफ़ैल अतिवादी संगठन तहरीक-ए-लब्बैक से खासा प्रभावित
तुफैल कट्टरपंथी मौलाना शाद रिजवी के वीडियो शेयर करता था। मौलाना शाद के वीडियो शेयर कर वह लोगों से भारत विरोधी संगठनों से जुड़ने, एकजुट होने की अपील करता था। इस संगठन के नेताओं के वीडियो वह गौर से सुनता था। तहरीक-ए-लब्बैक एक पाकिस्तानी अतिवादी संगठन है जिसे पाकिस्तान में प्रतिबंधित कर दिया गया है।
2018 में कट्टरपंथियों के संपर्क में आया
एटीएस सूत्रों के अनुसार वह सात साल से कट्टरपंथियों के प्रभाव में था। 2018 में उसने पंजाब के सिरहिंद और कन्नौज में धार्मिक यात्रा की। इस दौरान वह विभिन्न धार्मिक नेताओं से मिला। इसके बाद उसका झुकाव कट्टरपंथी नेताओं की ओर होने लगा। 2018 में वह तहरीक-ए-लब्बैक से जुड़े कुछ लोगों से संपर्क में आया। भारत में शरियत कानून लागू करने, 2047 तक भारत पर मुस्लिम शासन के जरिये गजवा-ए-हिंद की स्थापना जैसे आंदोलनों में शामिल होने लगा था। यूपी एटीएस मो. तुफ़ैल को रिमान्ड में लेकर आगे की पूछताछ कर रही है।
रिपोर्ट : मनीष कुमार