साल 2020 से 2022 तक पूरी दुनिया में कोहराम मचाने वाला कोरोना वायरस वापस भारत की ओर रुख कर रहा है। देश में कोरोना के मरीजों की संख्या में लगातार वृद्धि देखी जा रही है जिसको लेकर सरकार ने चिंता जताई है और लोगों को सतर्क रहने को कहा है। विशेषज्ञों के अनुसार कोरोना का यह वेरिएंट संक्रामक तो है पर अधिक खतरनाक नहीं है।
देश में कोरोना ने एक बार फिर से पैर पसारना शुरू कर दिया है
दिल्ली से लेकर केरल तक कोरोना के मरीज बढ़ने लग गए हैं। देश भर में अभी 312 एक्टिव कोरोना केस हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक सबसे अधिक प्रभावित राज्य केरल, तमिलनाडु और महाराष्ट्र हैं, जहां कुल मिलाकर 85% से अधिक सक्रिय मामले हैं। केरल में सबसे ज्यादा 95 हैं, तमिलनाडु में 66 और महाराष्ट्र में 56 हैं। राजधानी दिल्ली की बात की जाए तो कोरोना के 23 सक्रिय मामले हैं।
सरकार ने कोरोना को लेकर सभी अस्पतालों के लिए निर्देश जारी किया है जिसमें बेड, आक्सिजन सिलिन्डर, दवाई और वैक्सीन जैसे आवश्यक चीजों की भरपूर व्यवस्था रखने को कहा है। साथ ही अस्पताल परिसर में मास्क पहनने को कहा गया है। दिल्ली सरकार ने स्वास्थ्य संस्थानों से कोविड-19 के सभी पॉजिटिव सैंपल्स को जीनोम सीक्वेंसिंग के लिए लोक नायक अस्पताल भेजने का निर्देश दिया है।
कोविड-19 का कौन सा वैरिएंट है जिम्मेदार?
देश में फैल रहे इस नई लहर के लिए ओमिक्रॉन का JN.1 वैरिएंट और इसके सब-वैरिएट्स LF.7 और NB.1.8 जिम्मेदार हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने JN.1 को दिसंबर 2023 में’वेरिएंट ऑफ इंटरेस्ट’ घोषित किया था। यह वैरिएंट ज्यादा संक्रामक तो है, लेकिन विशेषज्ञों का कहना
है कि यह पहले के वैरिएंट्स की तुलना में ज्यादा खतरनाक नहीं है। ज्यादातर मामलो में हल्के लक्षण जैसे बुखार, खांसी, गले में खराश और
शरीर में दर्द देखे जा रहे है।
रिपोर्ट : मनीष कुमार