सारण: बिहार के छपरा में खाकी वर्दी पर तब दाग लग गया जब एक महिला सिपाही ने ड्यूटी ऑवर्स में जातिवादी गाने पर आपत्तिजनक रील बनाकर सोशल मीडिया पर पोस्ट कर दी। इस हरकत ने न केवल पुलिस विभाग को शर्मसार किया बल्कि सामाजिक सद्भाव को भी ठेस पहुँचाई। आनन-फानन में कार्रवाई करते हुए पुलिस अधीक्षक ने सिपाही को निलंबित कर दिया है, और अब विभागीय जांच की तलवार लटक रही है।
कार्यालय बना रील का मंच:
सारण जिले के नगर थाने में तैनात महिला सिपाही अंशु आनंद (बैज नंबर म०सि०/1385) ने मर्यादा की सभी हदें पार कर दीं। उन्होंने थाने के थानाध्यक्ष के कार्यालय कक्ष को ही अपना रील बनाने का स्टूडियो बना लिया। वह भी तब, जब थानाध्यक्ष वहां मौजूद नहीं थे। इस दौरान उन्होंने एक ऐसे गाने का इस्तेमाल किया जो जातिगत श्रेष्ठता का भाव दर्शाता है। वीडियो में उनकी गैर-पेशेवर अंदाज और बिना वर्दी के उपस्थिति ने मामले को और गंभीर बना दिया।
सोशल मीडिया पर किरकिरी, विभाग में हड़कंप:
अंशु आनंद द्वारा बनाया गया यह विवादित वीडियो आग की तरह सोशल मीडिया पर फैल गया। आम लोगों से लेकर पुलिस विभाग के आला अधिकारियों तक, सभी ने इस कृत्य की कड़ी निंदा की। ड्यूटी के दौरान इस तरह की हरकत और वह भी थाने जैसे संवेदनशील स्थान पर, ने पुलिस की छवि को धूमिल किया। आनन-फानन में पुलिस अधीक्षक, सारण ने मामले का संज्ञान लिया और त्वरित कार्रवाई के निर्देश दिए।
निलंबन और विभागीय कार्रवाई का शिकंजा:
पुलिस अधीक्षक ने इस पूरे मामले को गंभीरता से लेते हुए महिला सिपाही अंशु आनंद को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया। उन्हें निलंबन की अवधि में केवल जीवन निर्वाह भत्ता ही मिलेगा। इसके साथ ही, उनके इस गैर-जिम्मेदाराना कृत्य के लिए विभागीय कार्रवाई भी शुरू कर दी गई है। उन्हें सात दिनों के भीतर यह स्पष्ट करने के लिए कहा गया है कि उनके खिलाफ आगे की कार्रवाई क्यों न की जाए।
आगे क्या? सबक और संदेश:
छपरा में महिला सिपाही का यह कृत्य पुलिस विभाग के लिए एक चेतावनी है। यह घटना दर्शाती है कि सोशल मीडिया के उपयोग को लेकर पुलिसकर्मियों को और अधिक संवेदनशील और जिम्मेदार होने की आवश्यकता है। वर्दी की गरिमा और विभाग की छवि को धूमिल करने वाली किसी भी हरकत को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। सारण पुलिस ने स्पष्ट कर दिया है कि वे भविष्य में भी ऐसे कृत्यों के खिलाफ कठोर कार्रवाई करेंगे ताकि विभाग की साख बनी रहे और सामाजिक सौहार्द कायम रहे। अब देखना यह है कि विभागीय जांच में अंशु आनंद के खिलाफ क्या कार्रवाई होती है, जो अन्य पुलिसकर्मियों के लिए भी एक सबक साबित होगी।
रिपोर्ट: गौरव कुमार