अयोध्या: पूरे भारत और विश्व भर के राम भक्तों के लिए आज का दिन एक और ऐतिहासिक क्षण लेकर आया है। अयोध्या में भव्य राम मंदिर में आज दूसरी बार प्राण प्रतिष्ठा समारोह का आयोजन किया जा रहा है, जिसने एक बार फिर पूरे देश में भक्ति और उल्लास की लहर दौड़ा दी है। यह अनुष्ठान 3 जून से 5 जून तक की सुबह 6.30 बजे से शाम 5 बजे तक चलेगी। यह उल्लेखनीय है कि पहली और ऐतिहासिक प्राण प्रतिष्ठा समारोह 22 जनवरी, 2024 को ही संपन्न हुआ था, जिसने भगवान रामलला को उनके नव-निर्मित भव्य मंदिर में विराजमान किया था।
राम दरबार और उप मंदिरों की प्रतिष्ठा
इस बार भगवान राम को राजा के रूप में प्रथम तल पर माता सीता, लक्ष्मण, भरत, शत्रुघ्न और हनुमान जी के साथ विराजमान किया जाएगा। राजा राम के साथ सात अन्य उप मंदिरों में भी स्थापित मूर्तियों की प्राण प्रतिष्ठा होगी। इसमें परकोटा के ईशान कोण पर शिवलिंग, अग्नि कोण में प्रथम पूज्य श्रीगणेश, दक्षिणी भुजा के मध्य में महाबली हनुमान, नैरित्र कोण में प्रत्यक्ष देवता सूर्य, वायव्य कोण में मां भगवती, उत्तरी भुजा के मध्य में अन्नपूर्णा माता के विग्रह की प्राण प्रतिष्ठा होगी। इसके साथ ही मुख्य मंदिर के प्रथम तल पर राम दरबार और परकोटा के दक्षिणी पश्चिमी कोने में शेषावतार प्रतिमा की प्राण प्रतिष्ठा होगी
सुबह से ही मंदिर परिसर और अयोध्या नगरी में उत्सव का माहौल है। वैदिक मंत्रोच्चार से वातावरण गुंजायमान है और दूर-दूर से श्रद्धालु इस पुण्य अवसर के साक्षी बनने के लिए अयोध्या पहुंचे हैं। सुरक्षा व्यवस्था चाक-चौबंद है और प्रशासन ने भीड़ को नियंत्रित करने के लिए व्यापक इंतजाम किए हैं।
विशेष आकर्षण
मंदिर के शिखरों पर सोने की परत चढ़ाई गई है, जिससे मंदिर की भव्यता और बढ़ गई है।
प्रमुख उपस्थिति और आयोजन
इस प्राण प्रतिष्ठा में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ 5 जून को मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहेंगे। अनुष्ठान का नेतृत्व 108 वैदिक आचार्य करेंगे, जिनमें काशी के प्रमुख पंडित जयप्रकाश, आचार्य राकेश तिवारी और आचार्य रघुनाथ दास शास्त्री प्रमुख है।
रिपोर्ट : मनीष कुमार