अथमलगोला/पटना: दानापुर मंडल के अथमलगोला रेलवे स्टेशन पर पटना-देवघर पैसेंजर ट्रेन (63210) में चढ़ने के दौरान पैर फिसलने से गंभीर रूप से घायल हुए राकेश कुमार उर्फ बंटी ठाकुर (45) की पटना रेफर किए जाने के दौरान रास्ते में ही मौत हो गई। यह घटना स्थानीय स्वास्थ्य सुविधाओं पर गंभीर सवाल खड़े करती है, विशेषकर तब जब कुछ समय पहले ही करोड़ों की लागत से बने नए अनुमंडलीय अस्पताल का उद्घाटन हुआ है।
यह दुर्भाग्यपूर्ण घटना आज दोपहर करीब 1 बजे प्लेटफॉर्म संख्या 2 पर हुई थी। राकेश कुमार चलती ट्रेन में चढ़ने की कोशिश कर रहे थे तभी उनका पैर फिसल गया और वह ट्रेन के नीचे आ गए, जिससे उनका एक पैर कट गया। उन्हें तुरंत बाढ़ अनुमंडल अस्पताल ले जाया गया, जहां उनकी हालत गंभीर बनी हुई थी।
परिजनों ने बताया कि बाढ़ अनुमंडल अस्पताल में राकेश को प्राथमिक उपचार के नाम पर केवल पट्टी बांधी गई और तत्काल पटना रेफर कर दिया गया। परिजनों का आरोप है कि अस्पताल में एम्बुलेंस उपलब्ध होने के बावजूद उन्हें नहीं दी गई, जिसके चलते उन्हें अपनी गाड़ी का इंतजाम कर राकेश को पटना ले जाना पड़ा। पटना ले जाने के दौरान ही, मलाही के पास राकेश कुमार ने दम तोड़ दिया।

यह घटना ऐसे समय में हुई है जब कुछ ही समय पहले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने करोड़ों की लागत से बने 100 बेड का अनुमंडलीय अस्पताल का उद्घाटन किया था। इस नए अस्पताल को तमाम आधुनिक सुविधाओं से लैस बताया गया था और यह दावा किया गया था कि अब लोगों को इलाज के लिए पटना जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी। हालांकि, इस दुखद घटना ने इन दावों की पोल खोल दी है और यह स्पष्ट कर दिया है कि स्वास्थ्य सुविधाओं के अभाव का खामियाजा आज भी गरीबों को अपनी जान गंवाकर चुकाना पड़ रहा है। यह घटना बिहार की स्वास्थ्य व्यवस्था की जमीनी हकीकत पर एक बड़ा प्रश्नचिह्न लगाती है।
रिपोर्ट निरंजन कुमार सिंह