पटना: महागठबंधन ने मतदाता सूची पुनरीक्षण के खिलाफ बिहार बंद का आह्वान किया है, जिसमें कांग्रेस सांसद राहुल गांधी और नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव एक साथ नज़र आए. यह पिछले पाँच महीनों में राहुल गांधी का सातवाँ बिहार दौरा है, जो आगामी विधानसभा चुनावों को देखते हुए महत्वपूर्ण है.
महागठबंधन का विरोध और उनके आरोप
बिहार में विधानसभा चुनाव तीन महीने बाद होने वाले हैं, और इससे पहले चुनाव आयोग मतदाता सूची को अपडेट कर रही है. हालांकि, निर्वाचन आयोग के इस अभियान का कांग्रेस, राजद और महागठबंधन के अन्य घटक दल कड़ा विरोध कर रहे हैं. महागठबंधन के सभी घटक दल मतदाता सूची सत्यापन प्रक्रिया को पक्षपातपूर्ण और जनविरोधी बता रहे हैं. कांग्रेस का कहना है कि यह गरीब, प्रवासी और वंचित तबकों के मताधिकार पर सीधा हमला है. उनका तर्क है कि इस प्रक्रिया के तहत बड़ी संख्या में योग्य मतदाताओं के नाम सूची से हटाए जा सकते हैं, जिससे लोकतंत्र की मूल भावना प्रभावित होगी.
राहुल गांधी और तेजस्वी यादव की एकजुटता
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इस आंदोलन में राहुल गांधी और तेजस्वी यादव का साथ आना महागठबंधन की एकजुटता को दर्शाता है. राहुल गांधी की लगातार बिहार यात्राएँ आगामी चुनावों में कांग्रेस की सक्रिय भागीदारी और महागठबंधन को मजबूत करने की उनकी रणनीति का हिस्सा मानी जा रही हैं.
चुनाव पर संभावित प्रभाव
मतदाता सूची पुनरीक्षण के खिलाफ यह आंदोलन आगामी विधानसभा चुनावों से ठीक पहले हो रहा है. महागठबंधन का आरोप है कि इस प्रक्रिया का उद्देश्य सत्तारूढ़ दल को फायदा पहुँचाना है.
यदि बड़ी संख्या में मतदाताओं के नाम सूची से हटाए जाते हैं, तो इसका सीधा असर चुनाव परिणामों पर पड़ सकता है. यह मुद्दा बिहार की राजनीति में एक बड़ा चुनावी मुद्दा बन सकता है, जिससे मतदाताओं के बीच जागरूकता और ध्रुवीकरण बढ़ सकता है।
रिपोर्ट: पृथ्वीराज