पटना: बिहार में डोमिसाइल नीति को लेकर छात्रों का प्रदर्शन एक बार फिर तेज हो गया है। राजधानी पटना की सड़कों पर छात्र संगठन और युवा लगातार प्रदर्शन कर रहे हैं, अपनी मांगों को लेकर सरकार पर दबाव बना रहे हैं। उनकी मुख्य मांग है कि राज्य की नौकरियों में बिहार के स्थानीय निवासियों को 100% आरक्षण दिया जाए।
क्या है डोमिसाइल नीति का मुद्दा?
बिहार में डोमिसाइल नीति का मुद्दा नया नहीं है। दरअसल, छात्रों का आरोप है कि राज्य सरकार की वर्तमान नीतियों के कारण बिहार के बाहर के उम्मीदवारों को भी सरकारी नौकरियों में अवसर मिल रहे हैं, जिससे स्थानीय युवाओं के लिए मौके कम हो रहे हैं। छात्रों का कहना है कि अन्य राज्यों की तरह बिहार में भी ऐसी डोमिसाइल नीति लागू होनी चाहिए, जो केवल बिहार के मूल निवासियों को ही राज्य सरकार की नौकरियों के लिए पात्र बनाए।
पटना कॉलेज से लेकर गांधी मैदान तक छात्रों का मार्च
छात्र नेता दिलीप कुमार की अगुवाई में यह मार्च पटना कॉलेज से मुसल्लहपुर हाट , हथुआ मार्केट होते हुए गांधी मैदान पहुंचा। प्रदर्शनकारी छात्र डोमिसाइल नहीं तो वोट नहीं का लगा रहे थे और अपनी मांगों से संबंधित तख्तियां लिए हुए थे। कई छात्र समूहों ने संयुक्त रूप से जुलूस भी निकाला। उन्होंने सरकार से तुरंत इस मुद्दे पर हस्तक्षेप करने की अपील की।
सरकार का रुख:
अभी तक राज्य सरकार की ओर से इस मुद्दे पर कोई स्पष्ट बयान नहीं आया है। हालांकि, छात्रों को उम्मीद है कि उनके लगातार दबाव के बाद सरकार इस मुद्दे पर गंभीरता से विचार करेगी और डोमिसाइल नीति में आवश्यक बदलाव करेगी।
रिपोर्ट: गौरव कुमार