बख्तियारपुर/पटना: बिहार के बख्तियारपुर नगर परिषद ने एक महत्वपूर्ण निर्णय लेते हुए शहर का नाम बदलने का प्रस्ताव सर्वसम्मति से पारित कर दिया है। अब बख्तियारपुर को ‘मगध द्वार’ के नाम से जाना जाएगा। यह फैसला मंगलवार को नगर परिषद के सभागार में हुई सशक्त स्थायी समिति की बैठक में लिया गया। इस कदम को मुगल आक्रांता बख्तियार खिलजी के नाम से जुड़े शहर के इतिहास को बदलने और क्षेत्र की प्राचीन पहचान को पुनर्जीवित करने के प्रयास के रूप में देखा जा रहा है।
नगर परिषद के सभापति पवन कुमार ने बताया कि बख्तियारपुर का वर्तमान नाम एक मुगल आक्रांता के नाम पर है, जिसके कारण लंबे समय से लोग इसका नाम बदलने की मांग कर रहे थे। उन्होंने कहा कि यह प्रस्ताव अब जल्द ही राज्यपाल और मुख्यमंत्री को भेजा जाएगा।
शहर का नाम बदलने की यह मुहिम काफी समय से चल रही थी, जिसके लिए सड़क से लेकर सदन तक आवाज उठाई गई थी। हाल ही में, एक सप्ताह पहले पूर्व केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने भी बख्तियारपुर में मीडियाकर्मियों से बातचीत के दौरान इस मुद्दे का समर्थन किया था। उन्होंने इस बात पर जोर दिया था कि यह नाम उस व्यक्ति के नाम पर है जिसने नालंदा विश्वविद्यालय को नष्ट किया था, और उन्होंने लोगों से इस मुहिम में शामिल होने का आह्वान भी किया था।
सशक्त स्थायी समिति की बैठक की अध्यक्षता सभापति पवन कुमार ने की, जबकि संचालन कार्यपालक पदाधिकारी राजीव कुमार गुप्ता ने किया। इस बैठक में नाम बदलने के प्रस्ताव के अतिरिक्त नगर परिषद क्षेत्र में विकास की कई अन्य योजनाओं को भी प्रशासनिक स्वीकृति मिली। इनमें जल जमाव की समस्या का स्थायी समाधान, सभी 27 वार्डों में 1900 स्ट्रीट लाइट और सार्वजनिक जगहों पर 22 हाई मास्ट लाइट लगाना शामिल है। इसके अलावा, ऑटो स्टैंड के वार्षिक किराए और होल्डिंग टैक्स सहित कई अन्य महत्वपूर्ण मुद्दों पर भी सर्वसम्मति से निर्णय लिए गए। बैठक में गली-नली योजना के तहत कुल 54 योजनाओं को भी स्वीकृति प्रदान की गई।
बैठक में उपसभापति प्रियंका, पार्षद प्रिंस कुमार, विनय कुमार और रणविजय कुमार सहित अन्य सदस्य मौजूद रहे। यह निर्णय बख्तियारपुर के इतिहास और पहचान को फिर से गढ़ने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है, जिससे भविष्य में शहर को ‘मगध द्वार’ के रूप में जाना जाएगा, जो इस क्षेत्र की समृद्ध प्राचीन विरासत का प्रतीक होगा।
रिपोर्ट: गौरव कुमार