वेस्टइंडीज क्रिकेट टीम के धाकड़ बल्लेबाज निकोलस पूरन ने 29 साल की बेहद कम उम्र में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास लेने का चौंकाने वाला फैसला लिया है। 10 जून 2025 को अपने इस निर्णय की घोषणा करते हुए, पूरन ने क्रिकेट प्रेमियों और विशेषज्ञों, दोनों को ही अचरज में डाल दिया। वेस्टइंडीज के लिए टी20 अंतरराष्ट्रीय में सबसे ज्यादा मैच खेलने वाले और सबसे ज्यादा रन बनाने वाले खिलाड़ी के तौर पर उन्होंने अपने अंतरराष्ट्रीय करियर को विराम दिया।
पूरन का बयान
पूरन ने अपने संन्यास की घोषणा इंस्टाग्राम पर करते हुए लिखा कि वेस्टइंडीज के लिए खेलना उनके लिए एक सम्मान की बात थी और टीम की कप्तानी करना उनके दिल के करीब रहेगा। उन्होंने प्रशंसकों और टीम के साथियों को उनके समर्थन के लिए धन्यवाद दिया। यह खबर निश्चित रूप से वेस्टइंडीज के प्रशंसकों और क्रिकेट प्रेमियों के लिए निराशाजनक है, लेकिन यह आधुनिक क्रिकेट की एक नई सच्चाई को भी दर्शाती है, जहां फ्रैंचाइजी लीग अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट पर भारी पड़ती जा रही हैं।
अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट को अलविदा कहने की वजह
पूरन के इस अप्रत्याशित कदम के पीछे मुख्य वजह व्यस्त अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट कार्यक्रम और फ्रैंचाइजी लीगों पर ध्यान केंद्रित करना बताई जा रही है। हाल के समय में, कई खिलाड़ी अंतरराष्ट्रीय प्रतिबद्धताओं के बजाय विश्व भर की आकर्षक टी20 लीगों को प्राथमिकता दे रहे हैं, और पूरन भी इसी बढ़ती प्रवृत्ति का हिस्सा बन गए हैं।
वेस्टइंडीज क्रिकेट के लिए चुनौती
निकोलस पूरन का संन्यास वेस्टइंडीज क्रिकेट के लिए एक बड़ा झटका है। वह टीम के अहम बल्लेबाजों में से एक थे और उन्होंने सीमित ओवरों के प्रारूप में टीम की कप्तानी भी की थी। 2022 में टी20 विश्व कप में टीम के खराब प्रदर्शन के बाद उन्होंने कप्तानी छोड़ दी थी, लेकिन एक बल्लेबाज के तौर पर उनका प्रदर्शन लगातार बेहतर होता जा रहा था।
पूरन का यह फैसला एक बार फिर इस बात पर प्रकाश डालता है कि कैसे छोटे क्रिकेट बोर्ड, वेस्टइंडीज जैसे बोर्ड, खिलाड़ियों को आकर्षक फ्रैंचाइजी लीगों में जाने से रोकने के लिए संघर्ष कर रहे हैं। यह सिर्फ एक खिलाड़ी का मामला नहीं है, बल्कि यह अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट के भविष्य पर एक गंभीर सवाल खड़ा करता है। क्या क्रिकेट बोर्ड खिलाड़ियों को अपने देश के लिए खेलने के लिए पर्याप्त प्रोत्साहन दे पा रहे हैं, या पैसा और स्थिरता फ्रैंचाइजी लीगों को ज्यादा आकर्षक बना रही है? यह देखना बाकी है कि इस बढ़ती हुई प्रवृत्ति को रोकने के लिए क्रिकेट प्रशासन क्या कदम उठाता है।
पूरन का करियर एक नज़र में:
निकोलस पूरन ने 2016 में वेस्टइंडीज़ की ओर से अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में कदम रखा था। अपनी शानदार बल्लेबाज़ी शैली, खास तौर पर बाएं हाथ के आक्रामक शॉट्स और विकेटकीपिंग क्षमता के चलते वह जल्द ही टीम के अहम खिलाड़ी बन गए।
ODI: 62 मैच | 2074 रन | 3 शतक
T20I: 88 मैच | 1615 रन | 1 शतक
कप्तानी: निकोलस पूरन ने टी20 और वनडे फॉर्मेट में 30 मैचों में वेस्टइंडीज की कप्तानी की। इस दौरान उन्होंने 8 मैच जीते और 22 हारे
रिपोर्ट: मनीष कुमार