नई दिल्ली : पहलगाम आतंकी हमले के बाद पाकिस्तान पर भारत का लगातार एक्शन जारी है। इसी क्रम में भारत सरकार का पाक उच्चायुक्त के एक अधिकारी को अल्टीमेटम मिला है कि वो 24 घंटे में भारत छोड़ दे। उसे ‘अवांछित व्यक्ति'( पर्सोना नॉन ग्रांटा) घोषित किया गया, क्योंकि वह अपनी राजनयिक भूमिका से बाहर जाकर ऐसी गतिविधियों में शामिल था जो नियमों के खिलाफ है।
सरकार ने उस अधिकारी को 24 घंटे के भीतर भारत छोड़ने का आदेश दिया है। साथ ही, पाकिस्तान उच्चायोग के प्रभारी को एक आधिकारिक आपत्ति पत्र भी सौंपा गया है। इस पत्र में साफ कहा गया कि पाकिस्तान के किसी भी अधिकारी को भारत में अपने विशेषाधिकारों या पद का दुरुपयोग नहीं करना चाहिए।
पर्सोना नॉन ग्रांटा क्या होता है?
जब किसी देश को लगता है कि कोई विदेशी राजनयिक उसके देश के नियमों का पालन नहीं कर रहा या गड़बड़ी कर रहा है, तो उसे “अवांछित व्यक्ति” यानि कि पर्सोना नॉन ग्रांटा घोषित किया जाता है। इसका मतलब होता है कि अब उस अधिकारी का उस देश में रहना स्वीकार नहीं किया जाएगा। यह कूटनीति में विरोध जताने का सबसे सख्त तरीका माना जाता है। इसमें आमतौर पर कारण सार्वजनिक नहीं किए जाते।
ऑपरेशन सिंदूर के बाद लिया गया फैसला
इस कार्रवाई का समय भी खास है क्योंकि भारत और पाकिस्तान क बीच तनाव बढ़ा हुआ है। भारत ने पहलगाम हमले के बाद ऑपरेशन सिंदूर चलाया था जिसमे भारत ने एयर स्ट्राइक कर पाकिस्तान के अंदर कई सैन्य ठिकाने तबाह किए थे। इससे पहले 13 मई को भी भारत ने पाकिस्तान उच्चायोग में कार्यरत एक पाकिस्तानी अधिकारी को उसकी आधिकारिक स्थिति के अनुरूप काम नहीं करने की वजह से निष्कासित कर दिया था। उस अधिकारी को भी भारत छोड़ने के लिए 24 घंटे का समय दिया गया था।
विदेश मंत्रालय ने बयान में कहा कि, पाकिस्तान उच्चायोग के प्रभारी को साफ तौर पर बता दिया गया है कि भारत में तैनात कोई भी पाकिस्तानी अधिकारी अपनी राजनयिक स्थिति का गलत इस्तेमाल न करे।
रिपोर्ट : मनीष कुमार